अंग्रेजी में भारत का आने का उद्देश्य एवं उससे महत्वपूर्ण प्रश्न

भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कैसे हुई (How the East India Company was founded in India )

पुर्तगालियों को भारत के व्यापार से फलते फूलते देख कुछ अंग्रेज व्यापारियों ने भी पूर्व के साथ व्यापार करने के लिए एक कंपनी बनाई इस कंपनी को इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने 31 दिसंबर 1680 को शाही सदन देकर पूर्व के साथ व्यापार करने के लिए अधिकार प्रदान कर दिया यह कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से जानी जाने लगी इस कंपनी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य भारत के साथ व्यापार करके धन कमाना था|

ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से प्रथम बार समुद्री यात्रा 1601 ईस्वी में की गई सर्वप्रथम कप्तान हॉकिंस मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में पहुंचा उसने जहांगीर की नौकरी भी कर ली और अंग्रेजों को अफीम और सूती कपड़े के व्यापार की राय दी उसने 1613 ईस्वी में सूरत में अंग्रेज व्यापारिक कोठी की स्थापना की थी लेकिन पुर्तगालियों के विरोध के कारण बादशाह जहांगीर से अंग्रेजो को व्यापार करने की आज्ञा ना मिल सकी|सोलह 15 ईसवी में इंग्लैंड की राजा जेम्स प्रथम ने सर टॉम रो को दू त बनाकर भारत भेजा|सर टॉम शुरू व्यवहार कुशल तथा मिस्ट भाषी था| उसने प्रत्ययन करके आसफ खा की सिफारिश से शहजादा खुर्रम से सूरत में व्यापार करने की आज्ञा प्राप्त कर ली फिर धीरे-धीरे अहमदाबाद , भदौच ओर आगरा में भी अंग्रेजों ने व्यापारिक कोठियां बना ली| 60 से 70 वर्ष तक अंग्रेज व्यापारी नीति का अनुसरण करते रहे इस बीच में उन्होंने मद्रास(1640 ई ०) और उड़ीसा में भी अपना व्यापार जमा लिया|1650 ईस्वी में बंगाल की सुविधा शाहजहां ने हुगली प्रदेश अंग्रेजों को दे दिया क्योंकि उसने वहां से पुर्तगालियों को निकाल दिया था 1717 ईस्वी में अंग्रेज शाही फरमान राजा की आज्ञा प्राप्त करके बंगाल से व्यापार करने लगे| ईस्ट इंडिया कंपनी का संघर्ष डचो  और फ्रांसीसीयो कंपनी से हुआ अंग्रेज कंपनी ने डचो और फ्रांसीसीयों को परास्त करके अपने प्रभुत्व को बनाए रखा|

Angrej why coming in india you read in hindi

अंग्रेजों का भारत मैं आने का उद्देश्य एवं उससे महत्वपूर्ण प्रश्न ( The purpose of the British coming to India and important questions )

1- भारत आने वाला पहला अंग्रेज जहाज रेड ड्रैगन था|

 2- ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ईस्वी में हुई|

3- 1608 ईस्वी में इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम के दूत के रूप में कैप्टन फॉकिंग सूरत पहुंचा जहां वह मुगल सम्राट जहांगीर से मिलने आगरा गया|

4- कैप्टन हॉकिंस जहांगीर के दरबाार में 1608 ईस्वी में आया|

5- अंग्रेज ने अपनी पहली फैक्ट्री 1611 ईस्वी मै मसूलिपटनम मैं खोली|

6- जहांगीर ने सूरत तथा पश्चिमी तट पर फैक्ट्री खोलने की इजाजत 1613 में दी|

7- अंग्रेज राजू सर टॉमस रो 1615 ईस्वी में भारत आया|

8- मसूलीपट्टनम गोलकुंडा राज्य का एक मुख्य बंदरगाह है|

9- मद्रास में अंग्रेज द्वारा स्थापित किले का नाम फोर्ट सेंट जॉर्ज था|

10- अंग्रेजों ने बंगाल में अपनी पहली कोठी 1651 ईस्वी में हुगली में स्थापित की|

11- अंग्रेज को सर्वोत्तम शोला और अफीम बिहार से प्राप्त होता था|

13- अंग्रेज बंगाल से कच्चा रेशम सूट कपड़ा 16 तथा चीनी का व्यापार करते थे|

14- 1651 ईस्वी में सुल्तान सुजाने 3000 रुपए वार्षिक शुल्क के बदले अंग्रेज कंपनी को बंगाल से व्यापार का विशेषाधिकार दिया|

15- अंग्रेजों ने हुगली को 1686 ईस्वी में लूटा|

16- अंग्रेज ने अपना मुख्यालय शुरू से 86 ईसवी में मुंबई में बनाया

17- 1661 ईस्वी में इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय का विवाह पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन के साथ हुआ|

18- इस अवसर पर पुत्र गालियों ने चार्ल्स द्वितीय को दहेज के रूप में मुंबई दी प्रदान किया

19- अंग्रेज द्वारा कोलकाता में निर्मित दुर्ग का नाम फोर्ट विलियम था|

20- इंग्लैंड के सम्राट के सम्मान में उक्त किला बंद व्यवसाय प्रतिष्ठान का नाम फोर्ट विलियम रखा गया|

21- सर चार्ल्स आर्चर इसका पहला प्रेसीडेट बना था|

22- कोलकाता की स्थापना 1990 ईस्वी में जॉब चारनांक ने की|

23- 1689 ईस्वी में अजीमुश्शान ने अंग्रेजों को 1200 रुपए में सुत्तानाती, कलिकत्ता गोविन्दपुरी जमींदरी दे दी|

24- अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल राज किया|

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट