Ved aur vaidik saahity aur sampoorn saahity sanskrti

वेद और वैदिक साहित्य और संपूर्ण साहित्य संस्कृति भाषा में लिखा गया है(Ved aur vaidik saahity aur sampoorn saahity sanskrti bhaasha mein likha gaya hai )

आर्यों का सम्पूर्ण साहित्य संस्कृति भाषा में  लिखा गया है | पूर्व वैदिक काल तथा उत्तर वैदिक काल में रचे गए साहित्य का संक्षिप्त विवरण नीचे प्रस्तुत है

1.चार वेद ---

वेद शब्द 'विद' धातु से निकला है जिसका अर्थ है, जानना अथवा ' ज्ञान ' अत: वेद ज्ञान का भंडार है| वेदो को ' पौरूषेय'
नहीं माना जाता अर्थात इनकी रचना किसी काल विशेष में किसी मनुष्य ने नहीं की गई| वेदों का ज्ञान ईश्वरीय माना  गया है|
आर्यों का मानना था कि वेदों में दिए गए उपदेश ब्रहा - वाक्य है इन उपदेश को प्राचीन ऋषि मुनियों ने भिन्न - भिन्न अवसरों पर ब्रह्मा के मुख से सुना था | यही कारण है कि इन्हे ' श्रुति' कहते है| ' श्रुति ' साहित्य अनेक मंत्रो का संग्रह है वेद संख्या में चार है
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद,तथा, अथर्ववेद|

1.ऋग्वेद---

ऋग्वेद वेदों में सबसे प्राचीन और महत्वूर्ण ग्रंथ है इसकी रचना 1500 से 1000 ई पू के मध्य हुई | ऋग्वेद दो शब्दो के मेल से बना है ----ऋक् +वेद ! ऋक्  का अर्थ है ज्ञान | अतः ऋग्वेद हमें विभिन्न देवी देवताओं की स्तुति में गाए हुए मंत्रो का ज्ञान करता है

2. यजुर्वेद ---

यजुर्वेद भी दो शब्दो के मेल से बना है -----यजु:+वेद| यजु का अर्थ है| वास्तव में यह वेद  यज्ञ की प्रार्थना में उच्चारण होनें वाले मंत्रो का संग्रह है| इसके मंत्र गद्य तथा पध दोनो में है | इस ग्रंथ के दो भाग है कृष्ण यजु्वेद तथा शुक्ल यजुर्वेद | ऐसा माना जाता है कि इस वेे

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