Maidam kyooree , marie Curie Biography In Hindi
मैडम क्यूरी के आविष्कार और जीवन परिचय ( Marie Curie Biography In Hindi )
हम जीवन में सरलता एवम् संभावना के लिए विज्ञान के ऋणी हैं| रेडियम हमारे लिए वरदान है| नोविल पुरूस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के आज हम सभी रेडियम तक पहुंचने के लिए ऋणी हैं|विज्ञान जगत मैडम क्यूरी को सदैव याद रखेगा |
मानव कल्याण के लिए इन्होंने रेडियम तत्व की खोज की |इसे लिए इन्हे 1902 मै उन्हें नोबेल पुस्कार से सम्मानित किया गया|मैडम क्यूरी का बचपन का नाम मान्या था|वह अपने पिता सुविख्यात वैज्ञानिक की वस्तुओं को उलट- पुलत कर देखती और पिता से अनेक प्रकार के प्रश्न पूछती यह क्या है ? ऐसा क्यों है? ऐसा क्यों नहीं हैं? उसके पिता सहज ठग से मान्या को हर प्रश्न का संतोषजनक उत्तर देते और प्यार से अधिक सीखने के लिए प्रोत्साहित करते |
उच्च शिक्षा के लिए उसने फ्रांस के सोवर्न विश्व विद्यालय मै प्रवेश लिया फ्रांस मै उनका नाम मारिया पड गया |अब मारिया अपने पड़ने मै लगन व श्रम से ऐसी जुटी कि समय बीतने का पता ही नहीं चलता | हर अतिरिक्त काम करके अपनी पड़ाई का खर्च भी पूरा करतीं थी |
ऐसी बीच मारिया का विवाह पेरिस मै प्रोफेसर पियरे क्यू री जो एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक से हो गया | विवाह के दो वर्षो बाद एक कन्या जन्म दिया | मैडम क्यूरी, मैडम क्यूरी की खोज , जन्म, विवाह उन दिनों यूरेनियम से निकाल ने वाली किरणों के विषय में वैज्ञानकों मै बड़ी चर्चा थी कोई वैज्ञानिक यह नहीं समझ पा रहा था कि यूरेनियम से निकाल वाले प्रकाश किया है|मारिया और प्रोफेसर पियरे ने कच्चे यूरेनियम से निकाल वाली प्रकाश किरणों का रहस्य खोज ने का कार्य प्रारंभ कर दिया |
कुछ समय पश्चात घोर परिश्रम व लगन से उन्हें सफलता प्राप्त हो गई सन 1902 में उन्होंने यूरेनियम से नए तत्व रेडियम की खोज कर लीं रेडियम अत्यंत उपयोगी तत्व है जिसका उपयोग कैंसर जैसे रोगों के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ |इस खोज से मारिया और क्यूरी का नाम संसार भर में फेल गया, सन 1903 में इस वैज्ञानिक खोज के लिए क्यूरी दंपति को नोबल पुरस्कार से सम्मनित किया गया फ्रास के एक व्यापारी ने रेडियम तत्व से औषधि का अधिकार प्राप्त करने के लिए क्युरी दंपति को मुंह मांगा धन देना चाहा किन्तु उन्होंने मानव समाज कि सेवा के लिए बिना कुछ मूल्य लिए उस व्यापारी को रेडियम तत्व से औषधि निर्माण का।
अधिकार दे दिया मानव समाज के लिए कल्याकारी वैज्ञानिक खोज के लिए संसार क्यूरी दंपती को सदा याद रखेगा. मैरी क्यूरी (मैरी क्यूरी) ने अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दी और इंही शिक्षाओं के चलते उनकी दो बेटियों को भी नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी बड़ी बेटी आइरिन को रसायन विज्ञान में 1935 में नोबेल मिला था और छोटी बेटी ईव को 1965 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। मैडम क्यूरी ने क्यूरी फाउंडेशन की स्थापना भी की थी
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